आदिकाल : नामकरण एवं सीमा निर्धारण
इस वीडियो में आदिकाल के नामकरण एवं सीमा निर्धारण की कठिनाइयों को समझाया।
*** मुख्यतः आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी और डॉ. रसाल द्वारा किया गया नामकरण उचित समझते है।
*** आचार्य रामचंद्रशुक्ल द्वारा निर्धारित अंतिम समय सीमा सन् 1318 तक उचित मानते है।
*** मिश्रबंधु – आदिकाल को प्रारंभिक काल माना।
*** ग्रियर्सन – आदिकाल को चारणकाल माना।
*** आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी और डॉ. रसाल - आदिकाल माना।
*** रामकुमार वर्मा – संधिकाल,चारणकाल कहा।
*** राहुल सांकृत्यायन सिद्ध सामंतकाल माना।
*** विश्वनाथ प्रसाद मिश्र – वीरगाथाकाल माना।
*** आचार्य रामचंद्रशुक्ल – आदिकाल को वीरगाथा काल माना।
*** आचार्य रामचंद्रशुक्ल ने जिन बारह ग्रन्थों को आधार माना – वे इस प्रकार है।
1. विजयपाल रासो (नल्लसिंह – संवत् 1355)
2. खुमानरासो (दलपति विजय – संवत् 1180-1205)
3. बीसलदेव रासो (नरपति नाल्हा – संवत् 1292)
4. पुथ्वीराज रासो (चंदबरदाई – संवत् 1225 – 1249)
5. जयचंद्र प्रकाश ( भट्टकेदार – संवत् 1225)
6. जयमयंक जस चंद्रिका ( मधुकर कवि – संवत् 1240)
7. हम्मीररासो (शाङगंधर – संवत् 1375)
8. परमालरासो ( जगनिक – संवत् 1230)
9. कीर्तिलता ( विद्यापति – संवत् 1460)
10. कीर्तिपताका (विद्यापति – संवत् 1460)
11. विद्यापति पदावली ( विद्यापति – संवत् 1460)
12. खुसरो की पहेलियाँ (अमीर खुसरो – संवत् 1330)